Ganga River को हिंदू धर्म के बीच बहुत सन्मान का स्थान दिया गया है. Ganga River का पाणी हमेशा शुद्ध कैसे रहता है? आज इस वैज्ञानिक तथ्य के बारे मे बात करते है.
Ganga River देश की आस्था का प्रतीक
Ganga River भारत में हिंदुओं के मन में बहुत सम्मान का स्थान रखती है। हिंदू धर्म में गंगा नदी और गंगा जल का बहुत विशेष महत्व है।
प्राचीन काल से ही भारत के नागरिक Ganga River को अपनी माँ मानते आये हैं और इसके जल को अमृत का दर्जा देते आये हैं।
यह विश्वास कि Ganga River में स्नान करने से हमारे पाप धुल जाते हैं, पीढ़ियों से भारतीयों के मन में बसा हुआ है।
यही कारण है कि मृत्यु के कगार पर पहुंच चुके व्यक्ति के मुंह में गंगा जल डालने की प्रथा लोकप्रिय हो गई है।
यह कहानी सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे कि Ganga River का पानी हमेशा शुद्ध रूप में रहता है।
इस पानी से बदबू या सड़न नहीं होती, हानिकारक बैक्टीरिया इस पानी में जीवित नहीं रह पाते।
यह गंगा जल वर्षों तक शुद्ध रूप में रहता है। गंगा नदी का पानी ख़राब क्यों नहीं होता? वैज्ञानिकों ने अब इस सवाल का जवाब ढूंढ लिया है।
Ganga River हर भारतीय के लिए है पूजनीय
Ganga River हर भारतीय के दिल में एक विशेष और पूजनीय स्थान रखती है।
गंगा नदी में स्नान का भी विशेष महत्व है। कुंभ मेले के साथ-साथ हिंदू धर्म के कई महत्वपूर्ण त्योहारों पर लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने आते हैं।
विशिष्ट पूजा और अन्य कार्यों के लिए गंगा जल प्रयोग किया जाता है।
इसीलिए अधिकांश नागरिकों के घरों में गंगा जल देखा जा सकता है। सालों तक घर में रखा हुआ यह गंगा जल कभी खराब नहीं होता।
गंगा जल खराब क्यों नहीं होता?
घर के अंदर रखा हुआ गंगा जल वर्षों तक खराब नहीं होता है। वैज्ञानिकों ने Ganga River के इस पानी की शुद्धता के पीछे के कुछ कारणों का पता लगाया है।
गंगा जल में मौजूद बैक्टीरियोफेज के कारण यह जल कभी खराब नहीं होता।
गंगा जल को स्वच्छ रखने में बैक्टीरियोफेज महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) ने गंगा जल की शुद्धता पर एक शोध किया।
इस शोध के अनुसार, बैक्टीरियोफेज एक विशेष प्रकार का वायरस है जो गंगा नदी के पानी में पाया जाता है। बैक्टीरियोफेज पानी में हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं।
दूसरे शब्दों में कहे तो बैक्टीरियोफेज गंगा जल में प्राकृतिक फिल्टर के रूप में कार्य करते हैं। बैक्टीरियोफेज पानी को साफ और खराब होने से बचाते हैं।
Ganga River के जल में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक
वैज्ञानिकों ने यह भी स्पष्ट किया है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने Ganga River के पानी में ऑक्सीजन के स्तर की रिपोर्ट दी है।
ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होने के कारण पानी की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है। इससे पानी प्रदूषित नहीं होता और बदबू भी नहीं आती।
हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे स्थान, जहां गंगा का उद्गम होता है, ऑक्सीजन से समृद्ध हैं। यही कारण है कि यहां का जल सबसे पवित्र माना जाता है।
घर में गंगाजल रखने के फायदे
Ganga River का पानी अपनी शुद्धता के कारण पवित्र माना जाता है और इस पानी को घर में रखने से कई फायदे भी होते हैं।
- Ganga River का यह जल प्राकृतिक रूप से शुद्ध होने के कारण इसमें कोई भी बैक्टीरिया या अन्य सूक्ष्मजीव पनप नहीं पाते हैं।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, घर में गंगा जल रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- घर का वातावरण शुद्ध और शांतिपूर्ण बना रहता है।
- गंगा जल स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
- प्राचीन काल में गंगा जल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता था। गंगा जल के नियमित सेवन से पेट संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- पूजा में गंगा जल को विशेष माना जाता है।
गंगा नदी 2,500 किलोमीटर ka सफर करती है
Ganga River उत्तराखंड के गंगोत्री से निकलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है, जो लगभग 2,500 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
Ganga River भारत की जीवन रेखा है, जो इसकी आबादी के लगभग 40% को सहारा देती है।
नदी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें प्रदूषण, जल संकट और जैव विविधता की हानि शामिल हैं।
गंगा नदी के संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें नमामि गंगे मिशन और स्वच्छ गंगा अभियान शामिल हैं।
हमें नदी के संरक्षण के लिए एकजुट होकर काम करना होगा ताकि हम इसकी पवित्रता और महत्व हमेशा बना रहे.